shivratri puja vidhi in hindi




shivratri puja




सर्वार्थसिद्धि योग और निशित व्यापमी मुहूर्त में महाशिवरात्रि आज
शिवरात्रि पूजा
एजुकेशन रिपोर्टर | बिहारशरीफ है तब फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की
चर्तुदर्श तिधि को यह पर्व मनाया
महाशिवरात्रि आज मनेगा। पूजा जाता है। महशिवरात्रि रात्रि का पर्व
अर्चना के लिए शिवालय सज है और 1 मार्च की रात चर्तुदशी
धजकर तैयार है। सर्वार्थसिद्धि योग तिथि रहेगी। इस बार सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त
और निशित व्यापमी में शिवरात्रि निशित व्यापमी रात्रि 11.45 से
होने के कारण मनोकामना महता 12.35 तक रहेगा। विधि-विधान से
अधिक है। सुख समृद्धि और पूजा-प्रार्थना करने वालों को सुख-
रोजगार के लिए इस योग में पूजा समृद्धि प्राप्त होगे। धनेश्वरघाट,
करने से शिव की कृपा जल्द प्राप्त जंगलिया बाबा, नीलकंठेश्वर, बड़ी
होती है। शिवरात्रि में श्रद्धालुओं की पहाड़ी, मोगल कुआ, पुलपर, तुगी
भीड़-भाड़ को देखते हुए इंतेजाग के बाबा विलेश्वनाथ नाथ मंदिर
किये गये हैं। रंग-रोगन सहित सारी समेत जिले के सभी शिवाल्यों
तैयारियां पूरी है। कई जगहों पर महाशिवरात्रि पर पूजा की तैयारियां
अखंड व पाठ का भी आयोजन कर ली गई है पुलपर, और
किया जायेग। पंडित मोहन दत्त जंगलिया बाबा के मंदिर से शिवजी
मिश्रा ने बताया कि जब सूर्य कुंभ की बारात निकाली जात है, जिसमें महाशिवरात्रि को लेकर सजा जंगलिया बाबा शिब मंदिर।
राशि और चन्द्र मकर राशि में होता भूत-प्रेत बाराती होते हैं।
चार पहर के महाशिवरात्रि
पूजा मुहूर्त : ज्योतिशाचार्य पं मोहन के बाद चढ़ता है
दत्त मिश्र ने बताया कि शास्त्रों में कहा होली का रंग
गया है कि इस दन शिव जी की पूजा
भगवान शंकर को रंग
करने से व्यक्ति की सभी गनोकामनाएं
चढ़ाने के बाद होली का
पूरी हो जाती हैं। मान्यता यह भी है कि
रंग चढ़ना शुरू हो जाता
इस देन व्रत और पूजा करने से युवतियों | है। पौराणिक मान्यत के
को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। आर
अनुसार महाशिवरात्रि
कन्या का विवाह काफी समय न हो रहा क
शंकर जी का
हो या किसी भी तरह की बाधा आ रही माता पार्वती से विवह
हो तो उसे महाशिवरात्रि का व्रत करना हुआ था। उस दिन
चाहिए। इस स्थिति के लिए यह व्रत उनकी बरात निकली
बेहद फलदायी माना गया है। इस व्रत थी। शिवरात्रि का पर्व
को करने से भगवान शिव का आशीर्वाद परमपिता परमात्मा के
प्राप्त होता है। साथ ही सुख, शांति और
सृष्ट पर अवतरित होने
समृद्धि बनी रहती है।
का उत्सव है।
दिन
इस तरह करें पूजा
-सबरे जल्दी उठकर स्नान कर लें और
शिवलिंग की पूजा कर जल अर्पण
करें।
- शिवलिंग पर दही, घी और शक्कर
चढ़ायें व दूध से अभिषेक करें।
-जल से शिवलिंग को साफ कर चंदन
का तिलक लगायें और तिल, बेलपत्र,
फल-फूल चढ़ाय।
-शिवलिंग के सानो घी का दीपक
जलाकर स्तुति आरती करें।
शुभ मुहूर्त : अभिजीत मुहूर्त- मध्यान
-11.24 से 12.36 तक - विजय मुहूर्त
- अपराहन -2.07 से 2.53 तक
प्रदोष समय। गोधूलि)- शाम 5.08 से
7.12 तक निशित व्यापमी मुहूर्त -
रात्रि 11.45 से 12.35 तक||